उद्देश्य

संस्थान की स्थापना के उद्देश्य इस प्रकार है :-

1. समूचे देश में शमशान स्थल जो कि ग्राम आबादी, शहर आबादी से बाहर होकर विभिन्न नदियों, सरोवरों व तटों पर केन्द्रित है, इस बाबत शोध कर प्रत्येक शहर/ग्राम के लिए एकांतीय क्षेत्र में स्थापित करने पर बल देना।
2. शमशान भूमि के पवित्र स्थल पर विचारों की सादगी एवं मनुष्य हृदय परिवर्तन होने के मामले में आमजन के विचारों को संग्रहित कर भूमि परिवर्तन से विचार परिवर्तन क्यों होते हैं, इस महत्वपूर्ण बिंदु पर शोध कर जीवित मनुष्य को सही संकल्पना को साकार करना ।
3. प्रत्येक शमशान स्थल पर राष्ट्र विभूतियों एवं राष्ट्रवीर भारतमाता के पुत्रों के चित्र लगाकर उनके जीवन के सारभूत लक्षणों एवं सिद्धांतो कों प्रतिपादित करना । साथ ही राष्ट्रीयता से ओतप्रोत विचारों वाले देश को दिशा व दशा सुधारने वाले महापुरूषों के जीवन की गाथाओं को संग्रहित कर शमशान भूमि पर सुलभ साहित्य उपलब्ध करवाना।
4. विभिन्न शमशान भूमि की मिट्टियों का परीक्षण कर इस तथ्य को उजागर करना कि एकांत भाव एवं वैराग्य इस भूमि से क्यों और कैसे उपजता है ?
5. शमशान भूमि पर प्रति अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा को होने वाले तांत्रिक ओघड़ी क्रिया एक ढोंग है, इस बात को साहित्य एवं शोध के माध्यम से उजागर कर जन भ्रांतियों को तोड़ना है एवं इसका वैज्ञानिक पहलू क्या है, उसे उजागर करना है।
6. प्रत्येक शमशान के लावारिस अस्थि कलश एकत्रित कर देश की पवित्र नदियों में विधि विधान से विसर्जित करवाने के लिए जनसामान्य को सुविधाऐं प्रदान करना।
7. शोध संस्थान की स्थापना हेतु शासनस्तर से लीज रेंट भूमि आवंटन, अनुदान एवं अन्य कोई सहायता जो कि समिति के उद्देश्यों की पूर्ति में सहाय हो, को प्राप्त करने हेतु प्रयास करना।
8. शासन द्वार चलाई जा रही योजनाओं के अनुसार ग्राम एवं शहरी स्तर पर मुक्तिधाम (श्मशान) में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करना।
9. सामाजिक स्तर पर जनसहयोग के माध्यम से भोजन कार सेवा के द्वारा गरीब, अपाहित लोगों के लिए आपदा के समय निःशुल्क भोजन, कपड़े आदि देकर सेवा करना।
10. शासन एवं जनसहयोग से सभी वन्य प्रणियों, पशु-पक्षियो एवं लावारिस पशुओं को भोजन, पानी, उपचार की निःशुल्क व्यवस्था करना। वृद्ध पशुओं की देेखभाल एवं पालन हेतु प्रशिक्षण संस्था का संचालन करना एवं पशुपालन विभाग द्वारा संचालित समस्त योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करना।
11. संस्था द्वारा निःशुल्क चिकित्सा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम जैसे टीकाकरण, पल्सपोलियो, एड्स रोकथाम, नशामुक्ति तथा चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित समस्त योजनाओ में शामिल होकर सहयोग करना।

12. शमशान भूमि शोध संसथान की स्थापना  वाचनालय स्थापित करना एवं सेमिनार, संगोष्ठी आदि आयोजित कर विद्वतजनों के मनुष्य जीवन के अंतिम पड़ाव तक हुए निष्कर्षों को निकल कर आमजन को वास्तविकता से अवगत करवाना|

13. देश भर के शमशान स्थलों का भ्रमण करना तथा वहां आ रही मुलभुत समस्याओं के निदान से लिया स्थानीय व्यवस्थापकों से विचार – विमर्श कर प्रत्येक उक्त शमशान पवित्र स्थल पर निराकरण हेतु प्रभावी प्रयास करना जिसमें एकमात्र हिन्दू धर्म के श्मशान स्थल पर ही कार्य होगा|